बसंत पंचमी : बसंत-बहार शेर-ओ-शायरी जो आपका दिल छू जाए
बसंत पंचमी : बसंत-बहार शेर-ओ-शायरी जो आपका दिल छू जाए
Basant Panchami : Best Heart Touching SHAYARI in Hindi
भरी बहार में इक शाख़ पर खिला है गुलाब
कि जैसे तू ने हथेली पे गाल रक्खा है
-- अहमद फ़राज
गए मौसम का इक पीला सा पत्ता शाख़ पर रह कर
न जाने क्या बताना चाहता है इन बहारों को
-- नाज़िम
दोस्तों जश्न मनाओ कि बहार आई है
फूल गिरते हैं हर इक शाख़ से आँसू की तरह
-- उबैदुल्लाह अलीम
ख़ुशबू का क़ाफ़िला ये बहारों का सिलसिला
पहुँचा है शहर तक तो मीरे घर भी आएगा
-- मंसूर उस्मानी
गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौबहार चले
चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले।
~ फैज़ अहमद फ़ैज
गुंचो के मुस्कराने पे कहते हैं हंस के फूल
अपना करो खयाल हमारी तो कट गई।
~ 'शाद' अजीमाबादी
जिस्म तो बहुत संवार चुके रूह का सिंगार कीजिए,
फूल शाख से न तोड़िए खुश्बुओं से प्यार कीजिए।
~ सागर आज़मी
गुलशन-परस्त हूँ, मुझे गुल ही नहीं अजीज
कांटो से भी निबाह किये जा रहा हूं मैं।
~ जिगर मुरादाबादी
माना कि बहारों ने खिलाया है गुलों को,
उल्फ़त की कली दिल में वफ़ाओं ने खिलाई।
~ नसीम अख्तर
कांटा समझ के मुझसे न दामन बचाइए,
गुजरी हुई बहार की इक यादगार हूं।
~ मुशीर झंझानवी
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