विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष (31 मई) : तंबाकू - पल-पल धुआं होती जिंदगी
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तंबाकू के दुष्परिणामों से पूरी दुनिया तथा इसका सेवन करने वाला भी वाकिफ है। विश्व में तंबाकू सेवन, मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। तंबाकू के सेवन से प्रतिवर्ष 50 लाख लोग काल कलवित हो जाते हैं। करीब 12 लाख लोग फेफड़े की कैंसर से मर जाते हैं। वर्तमान में 25 से 30 प्रतिशत कैंसर तंबाकू सेवन से होता है। यदि वर्तमान रुझान जारी रहा तो वर्ष 2025 तक विश्व भर में प्रतिवर्ष तंबाकू सेवन से मौत के मुंह में समाने वालों की संख्या 1 करोड़ पार कर जाएगी।
तंबाकू सेवन से कैंसर रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। आज फेफड़े के कैंसर में 90 प्रतिशत लोगों की मृत्यु का कारण तंबाकू ही है। इसके अलावा सभी तरह के कैंसर में 30 प्रतिशत व श्वसन रोग के 80 प्रतिशत मामलों का कारण भी तंबाकू है। हृदय रोग व रक्तचाप के 20 प्रतिशत मामलों में भी तंबाकू की भूमिका रहती है। मुंह के कैंसर के 90 प्रतिशत मामलों में भी तंबाकू चबाना प्रमुख कारण होता है। कैंसर के एक अन्य प्रकार ग्रीवा कैंसर भी अधिकांश प्रतिशत देन तंबाकू की ही है।
तंबाकू के विज्ञापनों के माध्यम से पाबंदी और बच्चों को तंबाकू बेचने पर प्रतिबंध के बावजूद उसे बच्चों की पहुंच से बाहर नहीं रोका जा सका। आज भी लाखों बच्चे और किशोर पाउचों में मिलने वाले तंबाकू उत्पादों का सेवन कर रहे हैं। यदि बच्चों में तंबाकू सेवन की इस प्रवृत्ति को रोका नहीं गया तो आने वाले 15 वर्षों में मुख कैंसर से पीड़ितों में 30 वर्ष से कम उम्र के बच्चों व किशोरों की संख्या 30 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी।
हमारे देश में तंबाकू सेवन के अनेक रूप हैं जिनमें सिगरेट, बीड़ी, हुक्का के अलावा गुटखा, पान मसाला आदि के जरिए भी तंबाकू का सेवन किया जाता है। भारत में तंबाकू सेवन को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए गये हैं। कुछ राज्यों में धुम्रपान व तंबाकू से निर्मित पदार्थों के सेवन के संबंध में अलग-अलग कानून बनाए गये हैं। लेकिन तम्बाकू के दुष्प्रभावों से बचने के लिए केवल कानून प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर सकता है। इसके लिए आवश्यक है जन जागरूकता की। स्वयंसेवी संगठनों, अभिभावकों व समाज के प्रबुद्धजनों सभी का इस अभियान में शामिल होकर समाज को विशेषकर आने वाली पीढ़ी को इस धीमे जहर से बचाने में अपना अमूल्य सहयोग देना होगा।