दीपावली पर एक कविता - ऐसा दीपावली मनाएं
" ऐसा दीपावली मनाएं "
जगमग-जगमग दीप जले
नव सपनों के आशाओं के,
आलोकित हो ये राह सदा
प्रेमभाव विश्वासों के।
नव सपनों के आशाओं के,
आलोकित हो ये राह सदा
प्रेमभाव विश्वासों के।
काम क्रोध मद लोभ मोह पर
जीत का वरदान मिले,
ऊँच-नीच का भेद मिटे और
जन-जन को हक सम्मान मिले।
जीत का वरदान मिले,
ऊँच-नीच का भेद मिटे और
जन-जन को हक सम्मान मिले।
ऐसा दीपावली मनाएं
हर आंगन में उजाला हो,
एक उजास में रंग जाएं सब
कोई गोरा हो न काला हो।
हर आंगन में उजाला हो,
एक उजास में रंग जाएं सब
कोई गोरा हो न काला हो।
दीपपर्व दीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं।
यह दीपावली आपके घर में सुख-शांति-समृद्धि लेकर आये।
"शुभ दीपावली-समृद्ध दीपावली"
यह दीपावली आपके घर में सुख-शांति-समृद्धि लेकर आये।
"शुभ दीपावली-समृद्ध दीपावली"