फादर्स डे विशेष - 'पिता' दो शब्दों में समाहित सारी कायनात
'पिता' दो शब्दों में समाहित सारी कायनात। चाहे वो जीवनदाता के रुप में हो, पालनकर्ता के रुप में हो या संचालनकर्ता के रुप में हो, पिता हर दृष्टिकोण से महान है।
बचपन में जिसकी उंगलियाँ थाम हम चलना सीखते है, जिसके कांधे में बैठ बचपन का आनंद उठाते है। न जाने कितने हाव-भाव, आचार-विचार हम पिता से सीखते हुए बड़े होते हैं। पिता के संरक्षण में जीवन जीने का मजा ही कुछ और होता है।
पिता जिसकी बदौलत हम इस दुनिया में आते हैं, जिसकी मदद से हम जीवन में आगे बढ़ते हैं। जो पिता हमारी समस्या का समाधान करने के लिए हर घड़ी तत्पर रहता है। हमारी तकलीफों को दूर करने स्वयं तकलीफों को अनकहे झेल जाता है। हमें पाल-पोष कर बड़ा करने, पढाई-लिखाई से शादी-ब्याह तक की सारी जिम्मेदारी पिता कितने कष्ट उठाकर करता है, इसे कोई पिता ही समझ सकता है।
आइये आज पितृ दिवस के सुअवसर पर संकल्प लें हम हर हाल में पिता का सम्मान करेंगे। उनके हर कष्ट का निवारण करने हमेशा आगे रहेंगे। बुढ़ापे की लाठी बनकर सदा उनका साथ निभाएंगे। क्योंकि एक पिता का कर्तव्य और जिम्मेदारी एक पिता ही समझ सकता है। आज हम अपने पिता के लिए जो भी करेंगे कल हमारे पिता बनने पर वही हमारे साथ किया जायेगा।
बचपन में जिसकी उंगलियाँ थाम हम चलना सीखते है, जिसके कांधे में बैठ बचपन का आनंद उठाते है। न जाने कितने हाव-भाव, आचार-विचार हम पिता से सीखते हुए बड़े होते हैं। पिता के संरक्षण में जीवन जीने का मजा ही कुछ और होता है।
पिता जिसकी बदौलत हम इस दुनिया में आते हैं, जिसकी मदद से हम जीवन में आगे बढ़ते हैं। जो पिता हमारी समस्या का समाधान करने के लिए हर घड़ी तत्पर रहता है। हमारी तकलीफों को दूर करने स्वयं तकलीफों को अनकहे झेल जाता है। हमें पाल-पोष कर बड़ा करने, पढाई-लिखाई से शादी-ब्याह तक की सारी जिम्मेदारी पिता कितने कष्ट उठाकर करता है, इसे कोई पिता ही समझ सकता है।
आइये आज पितृ दिवस के सुअवसर पर संकल्प लें हम हर हाल में पिता का सम्मान करेंगे। उनके हर कष्ट का निवारण करने हमेशा आगे रहेंगे। बुढ़ापे की लाठी बनकर सदा उनका साथ निभाएंगे। क्योंकि एक पिता का कर्तव्य और जिम्मेदारी एक पिता ही समझ सकता है। आज हम अपने पिता के लिए जो भी करेंगे कल हमारे पिता बनने पर वही हमारे साथ किया जायेगा।
पितृ दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएं।
HAPPY FATHERS DAY.
HAPPY FATHERS DAY.