अदभुत उमंग और उल्लास का रंगीला पर्व है होली। इस त्यौहार में बच्चे और जवानों के साथ-साथ बुजुर्गों के मन में भी उमंग की लहर दौड़ जाती है। यह पर्व न सिर्फ पर्व है बल्कि मन के सारे दुर्भाव व दुर्विकारों को मिटाने का बेहतर माध्यम भी है।
वर्तमान भाग-दौड़ और व्यस्ततम जिंदगी में नये रंग नया रस घोलने आती है होली। इस रंगीले त्यौहार का अपना अलग ही अंदाज है और अलग आनंद है।
आइये हम सभी
इन बातों का ध्यान रखें और जीवन के सारे गिले-शिकवे, दुर्भाव और बुराईयों को मिटाकर अमिट रंगों में सराबोर हो जाएं।
-- इस दिन अश्लीलता और अभद्रता के साथ होली न खेलें अन्यथा होली का सही आनंद नहीं उठा पाएंगे।
-- होली पर शालीनता बरतें।
-- बड़े-बुजुर्गों, महिलाओं का सम्मान करें। उनसे पूछे बिना रंग न डालें।
-- यदि किसी को रंगों से एलर्जी या अन्य स्वास्थ्य संबंधी तकलीफ हो तो उन्हें जबरदस्ती रंग न लगाएं।
-- होली खेलते समय महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। कपड़े अस्त-व्यस्त, छोटे व पारदर्शी न हो इस बात का ख्याल रखें।
-- बच्चों को सुरक्षित व प्राकृतिक रंग ही खेलने के लिए दें।
-- राहगीरों पर रंग भरे गुब्बारे न फेंके, इससे दुर्घटना घट सकती है।
-- कीचड़, ग्रीस, ऑइल, कोलतार, पेंट आदि चीजों का इस्तेमाल न करें। ये त्वचा पर हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं।
-- होली के अवसर पर शराब, भांग, नशे आदि के सेवन से बचें। नशे में रहकर न तो आप होली का भरपूर आनंद उठा पाएंगे, न ही आपसे जुड़े लोग।
-- इस दिन खान-पान में भी ध्यान रखें। तेज मिर्च मसालेदार व तले भुने व्यंजनों का अधिक मात्रा में सेवन न करें।