कृष्ण भारतीय संस्कृति की जीवन धारा के शिखर में है.
जहाँ कृष्ण हैं वहीं उत्सव है ,आनंद है.
'भागवत पुराण ' में भगवान कृष्ण की महिमा का गान करते हुए कहा गया है कि समस्त वेद भगवान श्री कृष्ण की आराधना करते हैं,योग साधना से श्री कृष्ण की प्राप्ति होती है,समस्त तपस्याओं का फल कृष्ण है और सम्पूर्ण गतियों के लक्ष्य भी वे ही भगवान श्री कृष्ण हैं.
आइये श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर हम सभी संकल्प लें - कृष्ण के उपदेशों और आदर्शों को धार्मिक दायरे से बाहर निकल कर जन कल्याण के लिए अपनाएंगे।